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भारत का राष्ट्रीय पशु (National animal of India)

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। इसे बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। बाघ को उसकी चपलता, लालित्य, शक्ति के आधार पर भारत का राष्ट्रीय पशु (National Animal of India ) के रूप में घोषित किया गया है ये केवल उत्तर-पश्चिम क्षेत्र को छोड़कर भारत (आठ नस्ल के) के हर क्षेत्र में पाया जाता है। पूरी दुनिया के बाघों के आधी से ज्यादा जनसंख्या केवल भारत में पायी जाती है। अप्रैल 1973 में, बाघों की सुरक्षा और उनको बचाने के लिये भारतीय सरकार ने “प्रोजेक्ट टाईगर” लॉन्च किया थायह परियोजना उत्तराखंड में स्थित पार्क जिम कॉर्बेट नेशनल से शुरू की गई थी। बाघ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करता है और इसे भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों में से एक के रूप में भी पहचाना जाता है। रॉयल बंगाल टाइगर को 18 नवंबर 1972 को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया था उससे पहले शेर को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में दर्शाया गया था।

राष्ट्रीय पशु ( बाघ )

रॉयल बंगाल टाइगर का वैज्ञानिक नाम Panthera tigris है। बाघ चार प्रकार की बड़ी बिल्ली (शेर, बाघ, जगुआर और तेंदुए) में सबसे बड़ा होता हैं। रॉयल बंगाल टाइगर भारत में पाए जाने वाले आठ प्रकार के बाघों में से एक है। बाघों के विलुप्तप्राय होने से बचाव और सुरक्षा के लिये भारत में 23 टाईगर आरक्षित क्षेत्र बनाया गया है। 

टाइगर के बारे में कुछ अन्य तथ्य 

  • अप्रैल 1973 में भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर को घोषित किया गया था। टाइगर से पहले भारत का राष्ट्रीय पशु शेर था।
  • नवजात शावक अपने जन्म के पहले सप्ताह में अंधा रहता है।
  • नर बंगाल के बाघों की औसत लंबाई 2.7 मीटर से 3.1 मीटर तक होती है, और मादा बाघों की औसत लंबाई2.4 मीटर से 2.65 मीटर तक होती हैं।
  • बंगाल बाघों की उम्र लगभग 20 साल होती है।
  • नर का वजन 180 से 258 किलोग्राम तक होता है, जबकि मादा का वजन 100 से 160 किलोग्राम तक होता है।
  • एक वयस्क बाघ छह मीटर से अधिक की लंबी और पांच मीटर तक ऊँची छलांग लगा सकता है।
  • बाघों के शरीर पर 100 से अधिक धारियां होती हैं। किसी भी दो बाघों पर एक जैसा धारीदार पैटर्न नहीं होता है।

बिल्ली परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति बाघ हैं। बाघ की आठ उप-प्रजातियों में इंडोचाइनीज, सुमात्रा टाइगर, साइबेरियन टाइगर, रॉयल बंगाल, कैस्पियन, बाली, दक्षिण चीन और जावा शामिल हैं। लगातार शिकार के कारण बाली, कैस्पियन और जावा बाघ अब विलुप्त हो चुके हैं। बाघ बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनामऔर मलेशिया जैसे देशों का भी राष्ट्रीय पशु है। नागपुर के क्षेत्र को भारत की बाघ राजधानी के रूप में जाना जाता है। हाल के कुछ समय में अवैध शिकार, शिकार, बाघ की खाल के लिए तस्करी और अन्य कारणों से बाघों की आबादी में भारी कमी आ रही है।  IUCN की रेड लिस्ट के तहत बाघ को लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में नामित किया गया है।

 

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FAQs

रॉयल बंगाल टाइगर को कब भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया था?

रॉयल बंगाल टाइगर को 18 नवंबर 1972 को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया था ।