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भारत की महत्वपूर्ण झीलें

Important lakes of India: भारत की झीलें देश के प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यावरणीय विविधता, और सांस्कृतिक महत्व का अद्वितीय प्रतीक हैं। ये झीलें न केवल अपने अद्वितीय भूगोल के कारण महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे पर्यटन, जल संसाधन, और पारिस्थितिकी के लिए भी खास स्थान रखती हैं। भारत में कुछ झीलें प्राकृतिक हैं, जबकि कुछ मानव-निर्मित, और वे पूरे देश में फैली हुई हैं, जिसमें उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक की झीलें शामिल हैं। इस लेख में, हम भारत की प्रमुख झीलों पर चर्चा करेंगे, जो देश के पर्यावरण, पर्यटन, और सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध बनाती हैं।

भारत की महत्वपूर्ण झीलें

भारत में कई महत्वपूर्ण झीलें हैं, जो देश की भौगोलिक, पर्यावरणीय, और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक हैं। ये झीलें प्राकृतिक और मानव-निर्मित दोनों प्रकार की हो सकती हैं, और वे न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि जल संसाधनों और पारिस्थितिकी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

झीलें क्या होती हैं?

झील एक सतही जल निकाय है जो भूमि से घिरा हुआ है। नदियाँ झीलों के लिए निकास या प्रवेश होंगी यानी झीलें नदियों से पानी लेती हैं या पानी के स्रोत के रूप में कार्य करती हैं। झीलें विभिन्न भूदृश्यों जैसे पहाड़ी क्षेत्रों, मैदानों, पठारों, दरार क्षेत्रों आदि में पाई जाती हैं।

झीलों के प्रकार

झीलें जल के स्थायी या अस्थायी जलाशय हैं, जो विभिन्न प्रकार की भूगोलिक और पर्यावरणीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप बनती हैं। झीलों के प्रकार उनकी उत्पत्ति, निर्माण, और स्थिति के आधार पर वर्गीकृत किए जा सकते हैं। यहाँ झीलों के कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

  • प्राकृतिक झीलें: ये झीलें प्राकृतिक भूगोलिक प्रक्रियाओं से बनती हैं, जैसे ग्लेशियर गतिविधि, ज्वालामुखी गतिविधि, टेक्टोनिक गतिविधि, या भू-धसाव। प्राकृतिक झीलें विभिन्न प्रकार के जल निकायों को शामिल करती हैं, जैसे क्रेटर झीलें, ग्लेशियर झीलें, और टेक्टोनिक झीलें।
  • मानव-निर्मित झीलें: ये झीलें मानव गतिविधियों के परिणामस्वरूप बनती हैं, जैसे बांधों के निर्माण, जलाशय, या खनन। मानव-निर्मित झीलें अक्सर सिंचाई, जल भंडारण, और बिजली उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • ग्लेशियर झीलें: ये झीलें ग्लेशियर गतिविधि के कारण बनती हैं। जब ग्लेशियर पिघलते हैं, तो वे झीलें बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, हिमालयी क्षेत्र में कई ग्लेशियर झीलें हैं।
  • क्रेटर झीलें: ये झीलें ज्वालामुखी गतिविधि के कारण बनती हैं, जब ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बने क्रेटर में पानी इकट्ठा हो जाता है। कुछ क्रेटर झीलें अत्यंत सुंदर और गहरी होती हैं।
  • टेक्टोनिक झीलें: ये झीलें टेक्टोनिक प्लेटों के मूवमेंट के कारण बनती हैं, जब जमीन में दरारें और भ्रंश होते हैं। टेक्टोनिक झीलें बहुत गहरी और लंबी हो सकती हैं।
  • खारे पानी की झीलें: ये झीलें खारे पानी से भरी होती हैं और समुद्र से अलग होती हैं। इन झीलों में नमक की उच्च सांद्रता होती है। चिल्का झील और सांभर झील इसके उदाहरण हैं।
  • मीठे पानी की झीलें: ये झीलें ताजे पानी से भरी होती हैं और पीने के लिए सुरक्षित होती हैं। ये झीलें अक्सर पेयजल आपूर्ति, सिंचाई, और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

भारत की महत्वपूर्ण झीलों की सूची

भारत में कई महत्वपूर्ण झीलें हैं, जो प्राकृतिक, मानव-निर्मित, खारे पानी, और मीठे पानी की श्रेणियों में आती हैं। ये झीलें देश के विभिन्न हिस्सों में फैली हुई हैं और उनका पर्यावरणीय, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्व है। यहाँ भारत की कुछ प्रमुख झीलों की सूची दी गई है:

भारत की महत्वपूर्ण झीलें
राज्य झील
जम्मू–कश्मीर वुलर, डल, गाडसर, अनंतनाग, बेरीनाग, शेषनाग, कौसरनाग, नागिन, पोगोंगछो, सी–मोरीरी, गंगाबल और मानसबल
हिमाचल प्रदेश भृगु, मच्छियाल, रेणुका, सूरजताल, चन्द्रताल
उत्तराखण्ड नैनीताल, डोडीताल, भीमताल, सातताल, नौकुछियाताल, देवताल, खुरपाताल, राकसताल और मालाताल
चंडीगढ़ सुखनाझील
राजस्थान राजसमंद, जयसमंद, नक्की, सांभर, फतेहसागर, लूनकरसर, डीडवाना, पिछौला, आनासागर, कुचामन, ढेबर और पुष्कर
महाराष्ट्र लोनार और पोवई
कर्नाटक बेलान्दुर
केरल बेम्बानाड और अष्टमुदी
सिक्किम सोंगमा
मणिपुर लोकटक
उड़ीसा चिल्का
तेलंगाना हुसैन सागर और नागार्जुन सागर
आंध्र प्रदेश कोलेरू और पुलिकट
तमिलनाडु कोडाइकनाल और कालीवेली
हरियाणा सूरजकुण्ड

भारत की राज्यवार महत्वपूर्ण झीलों की सूची

भारत के विभिन्न राज्यों में कई महत्वपूर्ण झीलें हैं, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यावरणीय महत्व, और सांस्कृतिक आकर्षण के लिए जानी जाती हैं। इन झीलों का उपयोग पर्यटन, जल आपूर्ति, सिंचाई, और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यहाँ भारत के राज्यों में स्थित प्रमुख झीलों की सूची दी गई है:

भारत की राज्यवार महत्वपूर्ण झीलें
राज्य झील का नाम जिला
आंध्र प्रदेश पुलिकट झील सुल्लुरपेटा
कोल्लेरू झील विजयवाड़ा
असम हाफलोंग झील सिलचर
दीपोरबील कामरूप
सोन बील करीमगंज
चंदूबी झील कामरूप
बिहार कंवर झील बेगूसराय
 

 

 

 

गुजरात

हमीरसर झील कच्छ
कांकरिया झील अहमदाबाद
नारायण सरोवर कच्छ
थोल झील मेहसाणा
वस्त्रपुर झील अहमदाबाद
हरियाणा बड़खल झील फरीदाबाद
ब्लू बर्ड लेक हिसार
ब्रह्म सरोवर थानेश्वरी
दमदमा झील सोहना
कर्ण झील करनाल
तिल्यार झील रोहतक
हिमाचल प्रदेश चंद्र ताल लाहुल और स्पीति
सूरज ताल लाहुल और स्पीति
महाराणा प्रतापसागर कांगड़ा
पराशर झील मंडी
जम्मू और कश्मीर डल झील श्रीनगर
वुलर झील बांदीपुरा
लद्दाख त्सो मोरीरी लद्दाख
पैंगोंग त्सो लद्दाख
कर्नाटक अगरा झील बैंगलोर
बेलंदूर झील बैंगलोर
करंजी झील मैसूर
उल्सूर झील बैंगलोर
कुकरहल्ली झील मैसूर
होनामना कोडागू
पम्पा सरोवर हम्पी
केरल अष्टमुडी कयाली कोल्लम
वेम्बानाड
शष्टमकोट्टा कोल्लम
मध्य प्रदेश भोजताल भोपाल
महाराष्ट्र सलीम अली औरंगाबाद
शिवसागर सतारा
लोनार झील बुलढाना
मणिपुर लोकटक झील
मेघालय उमियाम शिलांग
मिजोरम तम दिल सैतुअल
उड़ीसा चिल्का झील पुरी
कंजिया झील भुवनेश्वर
पंजाब हरिके फिरोजपुर
रोपड़ रूपनगर
कांजलि कपूरथला
राजस्थान सांभर झील सांभर लेक टाउन
राजसमंद राजसमंद
सिक्किम त्सोमगो झील पूर्वी सिक्किम
खेचेओप्लारी पश्चिम सिक्किम
तमिलनाडु ऊटी झील नीलगिरी
चेम्बरमबक्कम चेन्नई
तेलंगाना हुसैन सागर हैदराबाद
भद्रकाली झील वारंगल
नागार्जुन सागर नलगोंडा
उत्तर प्रदेश गोविंद बल्लभ पंत सागर सोनभद्र
बेलासागर कुलपहाड़
उत्तराखंड भीमताल नैनीताल
पश्चिम बंगाल पूर्वी कलकत्ता आर्द्रभूमि कलकत्ता

भारत की 10 सबसे बड़ी झीलों की सूची

भारत में कई झीलें हैं, जो अपने आकार और महत्व के लिए जानी जाती हैं। यहाँ भारत की 10 सबसे बड़ी झीलों की सूची दी गई है, जो उनके क्षेत्रफल और महत्व के आधार पर हैं:

भारत की 10 सबसे बड़ी झीलें
झील का नाम कवर किया गया क्षेत्र
वेम्बनाड झील 2033 km²
चिल्का झील 1100 km²
शिवाजी सागर झील 891.7 km²
पैंगोंग झील 700 km²
इंदिरा सागर झील 627 km²
पुलिकट झील 450 km²
सरदार सरोवर झील 375 km²
लोकतक झील 287 km²
नागार्जुन सागर झील 285 km²
वुलर झील 260 km²

भारत की कृत्रिम सबसे बड़ी झीलें

उम्मीदवार नीचे दी गई तालिका से भारत की कृत्रिम सबसे बड़ी झीलों के बारे में जान सकते हैं:-

भारत की कृत्रिम सबसे बड़ी झीलें
झील का नाम विवरण
नागार्जुन सागर जलाशय कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर बांध द्वारा निर्मित, यह दुनिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है।
इंदिरा सागर जलाशय नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध द्वारा निर्मित, यह आयतन की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा जलाशय है।
गोबिंद सागर सतलुज नदी पर भाखड़ा बाँध द्वारा निर्मित, यह भारत के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है।
हीराकुंड जलाशय महानदी नदी पर हीराकुंड बांध द्वारा निर्मित, यह दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक है।
रिहंद जलाशय रिहंद नदी पर रिहंद बांध द्वारा निर्मित, यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है।
कृष्ण राजा सागर इसे KRS बांध के नाम से भी जाना जाता है, यह कावेरी नदी पर बना है और एक बड़ा जलाशय बनाता है।
मेट्टूर जलाशय कावेरी नदी पर मेट्टूर बांध द्वारा निर्मित, यह भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक है।
ऊपरी कोलाब जलाशय ऊपरी कोलाब बांध द्वारा निर्मित, यह ओडिशा राज्य के महत्वपूर्ण बांधों में से एक है।
नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन ये तमिलनाडु में लिग्नाइट खनन के परिणामस्वरूप निर्मित कृत्रिम झीलों की एक श्रृंखला है।

भारत में झीलों का महत्व

भारत में झीलों का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि वे पर्यावरणीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहाँ भारत में झीलों के महत्व के कुछ प्रमुख पहलू दिए गए हैं:

  • जल संसाधन: झीलें मीठे और खारे पानी के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। वे पीने के पानी, सिंचाई, और जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं, जिससे वे जल संसाधनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण होती हैं।
  • पर्यावरण और पारिस्थितिकी: झीलें विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और पौधों के लिए घर होती हैं। वे पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं और जैव विविधता को प्रोत्साहित करती हैं। झीलें पक्षियों, मछलियों, और अन्य वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण आवास हैं।
  • पर्यटन और मनोरंजन: झीलें पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। उनके किनारे पर स्थित सुरम्य परिदृश्य और जल क्रीड़ाएँ लोगों को आकर्षित करती हैं। कई झीलें हाउसबोट्स, शिकारा नौकाओं, और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए जानी जाती हैं, जो पर्यटन को बढ़ावा देती हैं।
  • सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: भारत की कुछ झीलें सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। पुष्कर झील और नैनी झील जैसी झीलें धार्मिक तीर्थयात्राओं का हिस्सा हैं। इन झीलों के पास धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन: झीलें बाढ़ नियंत्रण में मदद करती हैं, क्योंकि वे अतिरिक्त पानी को संचित कर सकती हैं। वे जल प्रबंधन और भूमिगत जल पुनःपूर्ति में भी सहायक होती हैं, जिससे वे जल संरक्षण में योगदान देती हैं।
  • सामाजिक और सामुदायिक लाभ: झीलें स्थानीय समुदायों के लिए सामाजिक और आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं। वे मछली पालन, कृषि, और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोग की जाती हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

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FAQs

भारत की सबसे लंबी झील कौन-सी है?

केरल की वेम्बनाड झील भारत की सबसे लंबी झील है।

भारत में सबसे ऊंची झील कौन-सी है?

उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित देवताल झील भारत की सबसे ऊँची झील है।

भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है?

ओडिशा की चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।