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पुस्तकें और लेखक 2024, आइए देखें सूची

2024 में पुस्तकों और लेखकों के क्षेत्र में कई रोमांचक और दिलचस्प पहलू देखने को मिलेंगे। इस वर्ष, साहित्य जगत में नई कहानियों, विचारों, और भावनाओं का एक नया दौर आएगा, जो पाठकों को अपनी ओर खींचेगा। चाहे आप फिक्शन के प्रेमी हों या नॉन-फिक्शन के, 2024 में प्रकाशित होने वाली पुस्तकें आपके लिए कुछ न कुछ अनूठा और प्रेरणादायक लेकर आएंगी। कई प्रमुख लेखक, जो पहले से ही पाठकों के बीच लोकप्रिय हैं, नई किताबों के साथ लौट रहे हैं, जबकि नए उभरते लेखक भी साहित्य के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं। इस लेख में, हम 2024 में आने वाली कुछ प्रमुख पुस्तकों और उनके लेखकों के बारे में जानेंगे, जो इस साल के साहित्यिक परिदृश्य को आकार देंगे।

2024 की पुस्तकों और लेखकों की सूची

किताबों और लेखकों के बीच का रिश्ता मौलिक और सहजीवी है। लेखक ऐसे व्यक्ति होते हैं जो किताबों में पाई जाने वाली सामग्री को लिखते और बनाते हैं, और किताबें एक माध्यम के रूप में काम करती हैं जिसके माध्यम से लेखक अपने विचारों, कहानियों, ज्ञान और दृष्टिकोण को पाठकों तक पहुंचाते हैं। यहां उन लेखकों की सूची दी गई है जिन्होंने वर्ष 2024 में अपनी किताबें प्रकाशित की हैं और सूची समय पर अपडेट की जाएगी।

पुस्तकें और लेखक 2024
पुस्तक का नाम लेखक का नाम
“एक समंदर, मेरे अंदर” संजीव जोशी
“असम का राजनीतिक इतिहास (1947-1971) – खंड 1” डॉ. राजेन सैकिया
“स्मृतिवन: 2001 के गुजरात भूकंप के पीड़ितों की स्मृति का एक अद्वितीय प्रतीक” गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
“असम का बहादुर – लाचित बरफुकन” अरूप कुमार दत्ता
“भविष्य को उर्वर बनाना: भारत का मार्च उर्वरक आत्मनिर्भरता की ओर” मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया
“एक असामान्य प्रेम: सुधा और नारायण मूर्ति का प्रारंभिक जीवन” चित्रा बनर्जी दिवाकरुनि
“गांधी: तीन अभियानों में एक जीवन” एम.जे.अकबर और के नटवर सिंह
“मोदी: एक हरित भविष्य को ऊर्जावान बनाना” आर.के. पचनंदा, बिबेक देबरॉय, अनिर्बान गांगुली और उत्तम कुमार सिन्हा
“फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी” जनरल मनोज मुकुंद नरवणे
“संस्कृति के आयाम” मनोरमा मिश्रा
“महा कविता” वैरामुत्तु
“राम मंदिर राष्ट्र मंदिर एक साझी विरासत” गीता सिंह और आरिफ खान भारती

प्राचीन भारत की पुस्तकों और लेखकों की सूची

प्राचीन भारत के साहित्यिक इतिहास में अनेक ग्रंथ और उनके रचनाकार महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ये ग्रंथ और लेखक भारतीय संस्कृति, धर्म, दर्शन, और साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यहाँ प्राचीन भारत की कुछ प्रमुख पुस्तकों और उनके लेखकों की सूची दी गई है:

प्राचीन भारत की पुस्तकों और लेखकों की सूची
पुस्तकें
लेखक
मुद्राराक्षस
विशाखदत्त
राजतरंगिणी
कल्हन
कथासरित्सागर
शैव सोमदेव
कामसूत्र
वात्स्यायन
प्रश्नोत्तरमालिका
अमोघवर्ष नृपतुंग
स्वप्नवासदत्तम्
भासा
बुद्ध चरित्र
अश्वघोसा
नाट्य शास्त्र
भरत मुनि
अभिज्ञान शकुन्तला, विक्रमोर्वशी, रघुवंशन
 कालिदास
अमरकोसा
अमरसिम्हा
पंचसिद्धांतिका, बृहत् संहिता
वरहरमिहारा
सूर्य सिद्धांत, आर्यभट्ट
आर्यभट्ट
पंच तंत्र
विष्णु शर्मा
नितिसरा
कामन्दक
ऐहोल प्रशस्ति
रवि कृति
इंडिका
मेगस्थनीज
अर्थशास्त्र
कौटिल्य
चरक संहिता
चरक
लीलावती
भास्कर द्वितीय
हर्षचरित, कादम्बरी, नागानंद, रत्नावली
बाणभट्ट
गाथासप्तशती
हाला
अष्टाध्यायी
पाणिनी
महाभाष्य
पतंजलि
नैषधचरित्र
श्रीहर्ष
मृच्छकटिक
शूद्रक
गीतगोविंदा
जयदेव
नवरत्न
वीरसेना

विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस 2024

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। समय के बदलते हुए पुस्तकों की जगह इंटरनेट और कम्प्यूटर ने ले ली है। पुस्तकों के महत्व को बताने और आने वाली पीढ़ी तक इन्हें पहुंचाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन लेखकों का सम्मान किया जाता है। साल 2024 की थीम “रीड योर वे” है। यह थीम किसी पुस्तक को पढ़ें, उनके महत्व को जाननें और अपने विचारों को दूसरों के साथ साझा करने के लिए प्रेणना देता है।

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का इतिहास

सर्वेंट्स पब्लिशिंग हाउस के निर्देशन विसेंट क्लेवेल द्वारा सन् 1922 में विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गई थी। उन्होंने मिगुएल डे सर्वेंट्स को सम्मानित करने के मकसद के साथ इस दिन को मनाने की पहल की थी। पहला विश्व पुस्तक दिवस 1926 में बार्सिलोना में मनाया गया था। ये पुस्तक दिवस मिगुएल डे सर्वेंट्स की जन्मदिन 7 अक्टूबर को मनाया गया था। परंतु बाद में इस दिवस को मनाने के लिए मिगुएल डे सर्वेंट्स की मृत्यु का दिन यानी कि 23 अप्रैल चुना गया। विलियम शेक्सपियर, मिगुएल सर्वेंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा सहित महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 अप्रैल को यूनेस्को ने विश्व पुस्तक दिवस मनाने का ऐलान किया।

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का महत्व

विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस पुस्तकों और साहित्यिक रचनाओं के महत्व को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। यह ज्ञान और सूचना तक समान पहुंच को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह सर्जनात्मकता और कल्पना को प्रोत्साहित करता है। यह लेखकों और साहित्यिक समुदाय का सम्मान करता है। यह दिन कॉपीराइट के महत्व और बौद्धिक संपदा की रक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस दिवस के माध्यम से साक्षरता और शैक्षिक संसाधनों को सभी तक पहुंचाना है।

परीक्षा में पूछी जाने वाली महत्वपूर्ण पुस्तकें और उनके लेखक

प्रसिद्ध पुस्तकें और लेखक
पुस्तकें लेखक
मुद्राराक्षस विशाखादत्त
गीत गोविंद जयदेव
भारत-भारती मैथिलीशरण गुप्त
राज तरंगिणी कल्हण
पंचतंत्र विष्णु शर्मा
अष्टाध्याई पाणिनि
कुमारसंभवम्, रघुवंशम, अभिज्ञान शकुंतलम, मेघदूत कालिदास
अकबरनामा, आईने अकबरी अबुल फजल
किताब-उल-हिंद अलबरूनी
पल्लव, चिदंबरा सुमित्रानंदन पंत
कुरुक्षेत्र, उर्वशी रामधारी सिंह दिनकर
चंद्रकांता देवकीनंदन खत्री
बीजक, रमैनी, सबद कबीर दास
शाहनामा फिरदौसी
हुमायूंनामा गुलबदन बेगम
कामायनी, आँसू, लहर जयशंकर प्रसाद
साहित्यलहरी, सूरसागर सूरदास
प्रेम वाटिका रसखान
कामसूत्र वात्सायन
अमरकोश अमर सिंह
कादंबरी बाणभट्ट
मृच्छकटिकम् शुद्रक
अनामिका, परिमल सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी
गोदान, गबन, कर्मभूमि, रंगभूमि प्रेमचंद
दशद्वार से सोपान तक, मधुशाला हरिवंश राय बच्चन

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FAQs

'बोस: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ एन इनकन्विनियंट नेशनलिस्ट' के लेखक कौन हैं?

चंद्रचूड़ घोष 'बोस: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ एन इनकन्विनियंट नेशनलिस्ट' के लेखक हैं।

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 किसने जीता?

लेखक दामोदर मौजो को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 मिला।