अंतिम तैयारी और अब तक अपनी तैयारी की प्रैक्टिस करने के लिए उम्मीदवारों को मॉक टेस्ट/टेस्ट सीरीज देनी चाहिए। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि कैंडिडेट्स को सेल्फ एनालिसिस क्यों करना चाहिए और मॉक टेस्ट को हल करने के बाद यह महत्वपूर्ण क्यों है। उम्मीदवारों के लिए परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट देना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिलती है। यहीं वह प्रैक्टिस परीक्षाएं होती हैं जो वे फाइनल परीक्षा से पहले देंगे। इससे उन्हें अपनी अब तक की तैयारी का overview मिलेगा और उन्हें अपनी ताकत और कमजोरियों के बारे में एक पता चलेगा।
जानिए मॉक टेस्ट एटेम्पट करने के बाद Self Analysis क्यों जरुरी है?
मॉक टेस्ट देने के बाद उम्मीदवार को अपने स्वयं के प्रदर्शन का विश्लेषण करने की आवश्यकता क्यों जरूरी है? RRB NTPC मॉक टेस्ट देने के बाद स्व-विश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है,आइए इस पर नजर डालते हैं:
- गलतियों की पुनरावृत्ति से बचाव: जब उम्मीदवार मॉक टेस्ट देने के बाद अपने स्वयं के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं तो वे उन गलतियों से परिचित होते है जो वे अक्सर कर देते हैं। परिचित होने के बाद उम्मीदवार अन्य मॉक टेस्ट या वास्तविक परीक्षा में भी उन गलतियों को दोहराने से आसानी से बच सकते हैं।
- तैयारी की स्थिति की जानकारी: मॉक टेस्ट देने और आत्म-विश्लेषण करने के बाद उम्मीदवारों को यह पता चलता है कि वे जिस परीक्षा के लिए उपस्थित हो रहे हैं, उसके लिए उनकी तैयारी का स्तर क्या है? उन्हें पता चल जाएगा कि कौन से क्षेत्र तैयार नहीं हैं जिसके वे अधिक अभ्यास करके सुधार कर सकते हैं।
- रणनीति बनाने में सहायक: इससे उम्मीदवार को अपनी रणनीति में बदलाव करना आसान होगा और परीक्षा में अधिक कुशल और प्रभावी प्रयास करने के सहायक होगा।
- मजबूत विषय को मजबूती प्रदान करने और कमजोर विषय को कम करने में सहायक: आत्म-विश्लेषण करने के बाद उम्मीदवारों को उन क्षेत्रों के बारे में पता चलेगा जिनमें वे कमजोर हैं और ऐसे क्षेत्र जिसमें वे मजबूत हैं। अधिक से अधिक अभ्यास करके कमजोरियों को कम किया जा सकता है और मजबूत विषय को उत्कृष्ट होने के लिए अधिकतम प्रयास किया जा सकता है।
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