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कुदरत का कहर : धौलीगंगा में तबाही

भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) में ऊंचे पर्वतों पर घटने वाली एक महत्वपूर्ण घटना avalanche है, जिसे snow slide या ice slide भी कहा जाता है। यह भूस्खलन की तरह ही होती है और यह घटना ice capped ऊंचे पर्वतों पर घटती है।

हिमशिलास्खलन (avalanche) की परिभाषा:

इसमें पर्वतों से बड़े या छोटे आकार से टुकड़े ढाल के अनुसार नीचे की तरफ खिसकते हैं, इस घटना को हिमशिलास्खलन या स्नोस्लाइड कहा जाता है। यह घटना सामान्यतः निम्न अक्षांशों के ऊंचे पर्वतों पर होती है जैसे:- रॉकीज, इंडीज, आल्प्स, हिमालय, सुलेमान किरथर या उन सभी पहाड़ों पर जिन पर बर्फ जमी रहती है।

 

अभी हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। यह हिमशिलास्खलन का प्रत्यक्ष उदाहरण है। धौलीगंगा में मची इस तबाही से संबंधित कुछ तथ्य:-

* रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उत्तराखंड त्रासदी में बचाव अभियान को तेज करने के लिए जोशीमठ में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।

* उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे देने की घोषणा की है।

*चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट टूट गया है।

ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्या है? जिसे चमोली में आए सैलाब ने तबाह कर दिया है!!

ऋषिगंगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मुख्य रूप से रैणी गांव में बिजली उत्पादन के लिए चलाया जा रहा एक प्राइवेट प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। हालांकि यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया था, जिसमें पानी से बिजली बनाने का काम चल रहा था। यह प्रोजेक्ट ऋषि गंगा नदी पर बनाया गया है और यह नदी धौली गंगा में मिलती है। चमोली जिले में ग्लेशियर के टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है, इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है।

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