कर्मचारी चयन आयोग या SSC उन अग्रणी सरकारी संगठनों में से एक है, जो राष्ट्र की सेवा के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रत्येक वर्ष लाखों अभ्यर्थी इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं। SSC CHSL टियर- II एक ऑफ़लाइन पेन पेपर-आधारित परीक्षा है जिसमें 1 घंटे की अवधि के साथ 100 अंकों का वेटेज होता है। इसमें अंग्रेजी भाषा और हिंदी भाषा का विकल्प होगा। उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार अंग्रेजी या हिंदी भाषा में पेपर लिख सकते हैं।
TIER II एक वर्णनात्मक प्रकार की परीक्षा है। परीक्षा के टियर I में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार टियर II के लिए उपस्थित हो सकेंगे। हम एक श्रृंखला शुरू किये हैं, जहां हम हाल के विषयों से संबंधित कुछ निबंध और पत्र साझा करने जा रहे हैं जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। इसी क्रम में आज के लेख में, आज हम ““मोबाइल की लत(Mobile Addiction)” पर एक निबंध लिखने जा रहे हैं।
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‘मोबाइल की लत(Mobile Addiction) विषय पर निबंध के मुख्य बिंदु:
- लत अर्थात् व्यसन या आसक्ति(Addiction) क्या है?
- आसक्ति के कारण
- आसक्ति के लक्षण
- प्रभाव
- निष्कर्ष
आइए निबंध लिखना शुरू करते हैं-
“मोबाइल की लत”
नशा या आसक्ति भिन्न-भिन्न लोगों के लिए भिन्न-भिन्न होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति खुद को किसी पदार्थ का उपयोग करने या किसी व्यवहार में उलझने से रोकने में खुद को असमर्थ पाता है। आज दुनिया की लगभग 80% आबादी के पास फोन है और यह लोगों की जीवन का एक हिस्सा बन गया है। औसत स्मार्टफोन उपयोगकर्ता दिन में 100 बार अपने सेल फोन को देखते है। सभी पीढ़ियां अब प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की शौकीन हैं। मोबाइल फोन का हमारे दैनिक जीवन में बहुत सारे उपयोग हैं जिसके कारण भी यह हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक बन गया हैं।
मोबाइल की लत के कारण:
मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अनिवार्य पहलू बन गया है, सुबह उठने से लेकर सोने तक हम इससे जुड़े रहते है। स्मार्टफोन की लत को बोलचाल की भाषा में “मोबाइल का नशा” कहा जाता है। यह फोन या टैबलेट ही है जो हमें मजबूर ही नहीं करता, बल्कि गेम, ऐप और ऑनलाइन दुनिया से हमें जोड़ता है। अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। हम डिजिटल रूप से भुगतान कर रहे हैं, डिजिटल रूप से खेल रहे हैं, डिजिटल रूप से सीख रहे हैं, और यहाँ तक कि डिजिटल रूप से कमाई भी कर रहे हैं।
मोबाइल की लत के लक्षण:
किसी भी चीज के लगातार इस्तेमाल से उस खास चीज की लत लग सकती है। मोबाइल फोन के मामले में, यह लक्षण काफी आम हैं और यह हर दूसरे इंसान में देखे जा सकते हैं। इसे युवा पीढ़ी की एक लत बनने में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रतिदिन पोस्ट अपलोड करना और पोस्ट पर लाइक और कमेंट की लगातार जांच करना बहुत खतरनाक है। इसके लत लगने की स्थिति ऐसी होती हैं कि लत लगे व्यक्ति को उस समय भी फोन बजने का आभास होता हैं, जब फोन नहीं बज रहा होता हैं। उस समय भी वह नोटिफिकेशन चेक करता हैं, जब कोई नोटिफिकेशन नहीं आया होता हैं। सामाजिक समारोहों और उत्सवों में दिलचस्पी नहीं लेना और गर्दन को झुकाकर केवल 5.5 इंच में आँखे गड़ाए रखना और किसी भी प्रकार की अन्य गतिविधि नहीं करना, इसके प्रमुख लक्षण हैं।
मोबाइल की लत के प्रभाव:
इससे आपके शरीर में थकान हो सकती है। देर से सोने की आदत और मोबाइल फोन पर वीडियो, मूवी आदि देखना इसके लत वाले व्यक्ति में देखने को मिलते हैं। इससे व्यक्ति वास्तविक रिश्तों से दूर होता चला जाता हैं। यह अकेलापन, अवसाद, चिंता, तनाव आदि को बढ़ाकर तथा आपकी नींद में खलल डालकर और स्व-केन्द्रित करके आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। ऑनलाइन माध्यम से धोखाधड़ी होने की भी संभावना रहती है।
निष्कर्ष:
हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि मोबाइल की लत आज एक बड़ी समस्या बन गई है। यह हमारे पेशेवर जीवन में बाधा बन रही है और हमारे व्यक्तिगत संबंधों को बर्बाद कर रही है। मोबाइल फोन, फायदे से ज्यादा नुकसान कर रहे हैं। मोबाइल की लत की समस्या का सामना करने वालों को इससे छुटकारा पाने और वास्तविक दुनिया में लौटने की कोशिश करनी चाहिए।
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