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SSC CGL टीयर 3 परीक्षा का महत्वपूर्ण टॉपिक- यहाँ देखें महत्वपूर्ण टॉपिक और उसके नोट्स

SSC, SSC CGL टीयर 3 परीक्षा 22 नवंबर 2020 को आयोजित करने वाला है। SSC CGL टीयर 3 परीक्षा वर्णनात्मक परीक्षा होती है, जहां उम्मीदवारों को दिए गए विषयों पर निबंध और पत्र लिखने के अपने सभी कौशल को दिखाना होगा। आइए हम कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक और उनके विवरणों पर चर्चा करते हैं जिसकी मदद से आप बेहतर निबंध और पत्र लिख सकते हैं।

आत्मनिर्भर भारत:

  • 2020 में कोरोनोवायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को जन्म दिया।
  • जबकि यह विचार पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था, इसकी कुछ विशेषताएं 7 अगस्त, 1905 को शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन के समान हैं, जो उस समय के ब्रिटिश शासन के विरुद्ध शुरू हुआ था।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोरोनोवायरस संकट से निपटने के लिए 20 ट्रिलियन रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।
  • इस पैकेज का उद्देश्य कुटीर उद्योग, मध्यम और लघु उधोग(MSMEs), मजदूरों, मध्यम वर्गों, उद्योगों सहित कई वर्गों की आवश्यकता को पूरा करना है।
  • माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रयास करने का किया गया आह्वान, को प्राप्त हुआ समर्थन भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान को सक्षम बनाने में कारगर सिद्ध हुआ।
  • इकॉनमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड, आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांच स्तंभ हैं।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, “जब भारत आत्मनिर्भर होने की बात करता है, तो यह स्व-केंद्रित प्रणाली की वकालत नहीं करता है। भारत की आत्मनिर्भरता में; पूरी दुनिया की खुशी, सहयोग और शांति के लिए चिंता शामिल है। ”

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भारत का केंद्रीय बजट

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में संदर्भित, यह भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है।
  • भारत सरकार फरवरी के पहले दिन इस बजट को प्रस्तुत करती है और अप्रैल में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले इसे कार्यान्वित करती है।
  • वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक को भारत के वित्तीय वर्ष की शुरुआत अर्थात् एक अप्रैल से पहले लोकसभा द्वारा पारित किया जाना चाहिए।
  • “हलवा सेरोमनी” हर साल आयोजित की जाती है जिसमें काफी मात्रा में हलवा तैयार की जाती है और उन अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को खिलायी जाती है जो बजट के दस्तावेजों को तैयार करते हैं।

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कोविड-19 महामारी और इससे निपटने के उपाय

  • कोविड-19 महामारी, जिसे कोरोनावायरस महामारी के रूप में भी जाना जाता है, कोरोनावायरस बीमारी से होने वाली एक गंभीर महामारी है, जो सूक्ष्म तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 (SARS-CoV-2) के कारण होता है। इसकी पहचान पहली बार दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में की गयी थी।
  • कोविड-19 कई प्रकार से फैलता है, जिसमें मुख्य रूप से लार और अन्य शारीरिक तरल पदार्थ और शरीर से उत्सर्जित सामग्री शामिल हैं।
  • वृद्धजन और जिन लोगों को हृदय या फेफड़ों की बीमारी या मधुमेह जैसी कोई बीमारी हैं, उन्हें कोविड-19 बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है।
  • सामाजिक दूरी, इस महामारी से लड़ने का सर्वोत्तम उपाय हैं।
  • SARS-CoV-2 के प्रसार को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता बेहद जरूरी है। US CDC की सिफारिश है कि लोग सार्वजनिक स्थान पर रहने पर कम से कम बीस सेकंड के लिए अक्सर साबुन और पानी से हाथ धोते रहें।
  • मानसिक स्वास्थ्य को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन इसे गंभीरता से लेना बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए यदि आप अपने डर(fear) और तनाव(anxiety) का सामना नहीं कर पा रहे हैं तो पेशेवर की मदद लेने में संकोच न करें।

महामारी और अर्थव्यवस्था:

  • कोरोनावायरस से होने वाली मंदी, दुनिया की अर्थव्यवस्था में हो रही आर्थिक मंदी में से एक है।
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने आंकलन किया है कि अप्रैल से जून 2020 के बीच पूरे विश्व में 400 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियां चली गईं है।
  • ग्लोबल स्टॉक मार्केट 24 फरवरी 2020 को चीन के बाहर कोविड-19 के मामलों की संख्या में वृद्धि होने के कारण गिर गया।
  • इस महामारी के फैलने के कारण प्रौद्योगिकी संबंधी वैश्विक सम्मेलन, फैशन और खेल के आयोजनों को रद्द या स्थगित किया गया।
  • इसका यात्रा और व्यापार उद्योग पर गहरा मौद्रिक प्रभाव पड़ा। इसका प्रभाव अरबों में रहा और इसके बढ़ने का अनुमान है।

महिला सशक्तिकरण

  • विद्वानों ने सशक्तिकरण को दो रूपों को परिभाषित किया है – आर्थिक सशक्तीकरण और राजनीतिक सशक्तीकरण।
  • महिला सशक्तीकरण, जेंडर की भूमिकाओं को पुनःपरिभाषित करने की एक प्रक्रिया है जो उन्हें गैर-विकल्पों में से उन क्षमताओं को प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिन्हें अन्यथा ऐसी क्षमता से प्रतिबंधित किया गया होता हैं।
  • महिला की भागीदारी और समानता के महत्त्व के कुछ मानक लिंग समानता सूचकांक(gender parity index) या लिंग-संबंधी विकास सूचकांक(gender-related development index) हैं।

युवा और बेरोजगारी

  • यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें 15-24 वर्ष की आयु के युवा, जो नौकरी की तलाश में हैं, वे इसे नहीं प्राप्त कर पा रहे है; आते हैं।
  • यह स्थिति आमतौर पर आर्थिक और राजनीतिक कारकों के कारण होती है।
  • शिक्षा की गुणवत्ता और प्रासंगिकता से ऊपर उठकर, अनम्य श्रम बाजार और विनियम, जो सहायता और निर्भरता की स्थिति पैदा करते हैं, भी युवा बेरोजगारी के मुख्य कारण हैं।
  • इसके समाधान में से एक काम की दुनिया से युवा को गुज़रने में सहायता पहुँचाना है।

ऑनलाइन खेल की लत

  • ऑनलाइन गेम एडिक्शन उर्फ गेमिंग डिसऑर्डर या इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर,वीडियो गेम के अनिवार्य उपयोग के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन के अन्य क्षेत्रों में कार्य करने की क्षमता में काफी कमी आ जाती है।
  • इस लत का इलाज साइकोफार्माकोलॉजी, मनोचिकित्सा और निरंतर विकासशील उपचारों के उपयोग के साथ किया जा सकता है।
  • इंटरनेट गेमिंग विकार बढ़ती चिंता, अवसाद और सामाजिक भय के साथ जुड़ा हुआ है।
  • इससे शारीरिक स्वास्थ्य जैसे सोमाटेशन और नींद में गड़बड़ी से संबंधित परिणाम भी होते हैं।
  • यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों ने भी उत्तर पश्चिम लंदन फाउंडेशन ट्रस्ट केंद्र द्वारा इसके केंद्र खोलने की योजना बनाई है जो शुरू में गेमिंग विकारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

प्रदूषण के वैश्विक प्रभाव

  • प्रदूषण भूमि, जल, वायु के साथ पर्यावरण को गंदा करने वाले अन्य चीज जो उपयोग करने के लिए उपयुक्त नहीं है; के बनाने की प्रक्रिया है।
  • इसकी शुरुआत प्राकृतिक वातावरण के दूषित होने से किया जा सकता है, लेकिन प्रदूषक गोचर हो यह आवश्यक नहीं है।
  • प्रकाश, ध्वनि और तापमान जैसी चीजें भी प्रदूषक हो सकती हैं।जब इसे वातावरण में कृत्रिम रूप से पेश किया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना

  • इस नीति का उद्देश्य किसानों पर पड़ रहे प्रीमियम के बोझ को कम करना और पूर्ण बीमित राशि के लिए फसल बीमा के दावे का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करना है।
  • यह नीति फसल के नुकसान होने पर एक व्यापक बीमा कवर भी प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
  • इस नीति में तिलहन, खाद्य फसल और वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलों को शामिल किया गया है।
  • भारत के प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गयी इस नीति के साथ सहयोग करने वाली लगभग 11 से 12 बीमा कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

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