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प्रणब मुखर्जी(1935 – 2020): जानिए कैसा था प्रारंभिक जीवन, शिक्षा और राजनीतिक कैरियर

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का लंबी बीमारी के बाद 31 अगस्त 2020 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। प्रणब मुखर्जी ने दस मंत्रिस्तरीय विभागों की बैठक की, जिसमें GATT और भारत-अमेरिका परमाणु संधि जैसे ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। 25 जुलाई, 2012 को प्रणब मुखर्जी को भारत के 13 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई और उन्होंने 2017 तक भारत की सेवा की। वर्ष 2019 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित मिरती गाँव में हुआ था। वे श्री कामदा किंकर मुखर्जी और श्रीमती राजलक्ष्मी मुखर्जी के पुत्र थे। प्रणब मुखर्जी के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे और बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि बने। वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य भी थे। प्रणब मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सूरी विद्यासागर कॉलेज में पढ़ाई की। उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में M.A. किया और उसके बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से LL.B की डिग्री प्राप्त की।
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व्यक्तिगत जीवन

प्रणब मुखर्जी ने 13 जुलाई, 1957 को सुरवा मुखर्जी से शादी की। इनके दो पुत्र (इंद्रजीत मुखर्जी और अभिजीत मुखर्जी) और एक बेटी (शर्मिष्ठा मुखर्जी) थी। उनकी पत्नी सुरवा, 10 वर्ष की आयु में नरेल, बांग्लादेश से कोलकाता चली आई थी। इनका निधन 18 अगस्त, 2015 को 74 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट से हो गया। प्रणब मुखर्जी के बड़े बेटे अभिजीत पश्चिम बंगाल के जंगीपुर से कांग्रेस सांसद हैं। उनकी बेटी शर्मिष्ठा एक कथक नृत्यांगना और कांग्रेस की एक राजनीतिज्ञ हैं।
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राजनीतिक कैरियर:

प्रणब मुखर्जी 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सहयोग से राजनीति में कदम रखें, जिन्होंने उन्हें राज्यसभा में सदस्य बनने के लिए मार्गदर्शन किया और उस समय से वे श्रीमती गांधी को अपना गुरु मानते हैं। 1975, 1981, 1993 और 1999 में उन्हें राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया। प्रणब मुखर्जी को ‘man for all seasons’ के रूप में जाना जाता है। आइए नजर डालते हैं उनके राजनीतिक करियर पर।

  • 1975-1977: वे विवादास्पद आपातकाल के दौरान सक्रिय थे, जो भारत में दो साल के लिए लगाया गया था।
  • 1979: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राज्यसभा के उप-नेता(Deputy Leader) बनें।
  • 1980: सदन के नेता रहें। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में, उन्होंने कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता की।
  • 1982-1984: वे वित्त मंत्री रहें और मनमोहन सिंह को RBI गवर्नर नियुक्त किया।
  • 1984: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, वह राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस से अलग हो गए थे। उन्हें मुख्यधारा की राजनीति से रोक दिया गया और क्षेत्रीय पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भेज दिया गया। इसके बाद श्री मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस (RSC) का गठन किया, जो बाद में राजीव गांधी के साथ समझौता करने के बाद कांग्रेस में मिल गया।
  • 1991: राजीव गांधी की हत्या के बाद, उन्होंने भारतीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • 1995-1996: नरसिम्हा राव की कैबिनेट में विदेश मंत्री बनें।
  • 1998-1999: सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मुखर्जी को AICC का महासचिव नियुक्त किया गया था।
  • 2000 – 2010: प्रणब मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • 23 मई 2004 से 24 अक्टूबर 2006 तक, वह केंद्रीय कैबिनेट रक्षा मंत्री रहे।
  • जून 2004 से जून 2012 तक, वह लोकसभा के सदन के नेता थे।
  • 25 अक्टूबर 2006 से 23 मई 2009 तक, वह केंद्रीय विदेश मंत्री थे।
  • 24 जनवरी 2009 से मई 2009 तक वह केंद्रीय मंत्रिमंडल के वित्त मंत्री थे।
  • 20 मई 2009 को, वह दूसरी बार 15 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए।
  • 2009 से 26 जून 2012 तक वह केंद्रीय वित्त मंत्री थे।
  • भारत के राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ने से पहले, 25 जून को उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

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पुरस्कार और सम्मान:

  • यूरोमनी पत्रिका(Euromoney magazine) द्वारा 1984 में विश्व के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री का सम्मान दिया गया।
  • 1997 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 2008 में उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया,
  • 2019: भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया गया।
  • 2013: बांग्लादेश मुक्ति युद्ध सम्मान(Bangladesh Liberation War Honour)
  • 2013: बांग्लादेश मुक्तिजुद्दो सनमोना
  • 2016: आइवरी कोस्ट के नाइटहुड का सर्वोच्च राज्य सम्मान, आइवरी कोस्ट के नेशनल ऑर्डर का ग्रैंड क्रॉस प्राप्त किया।

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प्रणब मुखर्जी द्वारा लिखी गयी पुस्तक:

  • Mid-Term Poll in the year 1969
  • Beyond Survival – Emerging Dimensions of Indian Economy in the year 1984
  • Off the Track in the year 1987
  • Challenges Before the Nation in the year 1992
  • Saga of Struggle and Sacrifice in the year 1992

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