भारत में विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन को बढ़ाने तथा भारत को उस विशेष क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल करने के लिए कई प्रकार की क्रांतियाँ हुई हैं। इन क्रांतियों के कारण भारत को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली। आजादी के बाद भारत को खाद्यान्न के उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल करने के लिए भारत में हरित क्रांति हुआ। इस क्रांति के बाद भारत में शीर्ष स्तर पर खाद्यान्न का काफी उत्पादन हुआ। इस क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन माने जाते हैं। भारत की विभिन्न सरकारी पदों पर भर्ती के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भारत में हुई विभिन्न क्रांति के प्रश्न आमतौर पर सामान्य जागरूकता सेक्शन में पूछे जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए आज हम इस पोस्ट में देश की प्रमुख उत्पादन क्रान्तियों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
जनरल अवेयरनेस के नोट्स : यहाँ पायें जनरल अवेयरनेस के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक के नोट्स
गणित के नोट्स: यहाँ पायें गणित के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक के नोट्स
🌿हरित क्रांति –खाद्यान्न उत्पादन | ||||||||||
🐄श्वेत क्रांति – दुग्ध उत्पादन | ||||||||||
🐬नीली क्रांति – मत्स्य उत्पादन | ||||||||||
🐌भूरी क्रांति – उर्वरक उत्पादन | ||||||||||
🥚रजत क्रांति – अंडा उत्पादन | ||||||||||
🍯पीली क्रांति – तिलहन उत्पादन | ||||||||||
🛢कृष्ण क्रांति – बायोडीजल उत्पादन | ||||||||||
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🐜सदाबहार क्रांति– जैव तकनीकी | ||||||||||
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