भारत का राष्ट्रीय पशु: राष्ट्रीय पशु किसी देश की प्राकृतिक बहुतायत का प्रतीक है। यह चयन कई मानदंडों के आधार पर हो सकता है। इसका समृद्ध इतिहास होना चाहिए और देश की विरासत और संस्कृति को व्यक्त करना चाहिए। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ है। यह एक ही समय में राजसी और घातक दोनों है। भारत में बाघों की घटती आबादी के कारण वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत के बाद, भारत सरकार ने रॉयल बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया। चपलता, सहनशक्ति और अदम्य शक्ति के संयोजन ने बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु बना दिया है।
रॉयल बंगाल टाइगर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। बाघ चार प्रकार की बड़ी बिल्ली (शेर, बाघ, जगुआर और तेंदुए) में सबसे बड़ा होता हैं। रॉयल बंगाल टाइगर भारत में पाए जाने वाले आठ प्रकार के बाघों में से एक है।
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द रोअर इज बैक(The Roar is Back)
वर्ष 2006 में, बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे। देश में बाघों की कुल संख्या 1411 थी। विश्व वन्यजीव कोष और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की बदौलत 2018 में संख्या बढ़कर 2967 हो गई। वर्ष 2018 में, बाघों की अधिकतम संख्या(526) मध्य प्रदेश में थी, इसके बाद 524 बाघों के साथ कर्नाटक का नंबर था, और कुल 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर था।
भारत में टाइगर रिज़र्व
जब वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था तब पूरे देश में केवल 9 टाइगर रिज़र्व थे। वर्ष 2019 में एकत्रित आंकड़ों के अनुसार यह संख्या बढ़कर 50 हो गई है। देश के सभी टाइगर रिज़र्व के नाम नीचे दिए गए हैं:
क्रम. संख्या. | टाइगर रिज़र्व का नाम | राज्य |
---|---|---|
1 | नागार्जुन सागर श्रीशैलम | आंध्र प्रदेश |
2 | नमदाफा | अरुणाचल प्रदेश |
3 | कमलंग टाइगर रिज़र्व | अरुणाचल प्रदेश |
4 | पक्के | अरुणाचल प्रदेश |
5 | मानस | असम |
6 | नमेरी | असम |
7 | ओरांग टाइगर रिज़र्व | असम |
8 | काजीरंगा | असम |
9 | वाल्मीकि | बिहार |
10 | उदंती-सीतानदी | छतीसगढ़ |
11 | अचनकमार | छतीसगढ़ |
12 | इन्द्रावती | छतीसगढ़ |
13 | पलामू | झारखण्ड |
14 | बांदीपुर | कर्नाटक |
15 | भद्रा | कर्नाटक |
16 | दांदेली-अंशी | कर्नाटक |
17 | नागरहोल | कर्नाटक |
18 | बिलगिरि रंगनथा मंदिर | कर्नाटक |
19 | पेरियार | केरल |
20 | परम्बिकुलम | केरल |
21 | कान्हा | मध्य प्रदेश |
22 | पेंच | मध्य प्रदेश |
23 | बांधवगढ़ | मध्य प्रदेश |
24 | पन्ना | मध्य प्रदेश |
25 | सतपुड़ा | मध्य प्रदेश |
26 | संजय-दुबरी | मध्य प्रदेश |
27 | मेलघाट | महाराष्ट्र |
28 | ताडोबा-अंधारी | महाराष्ट्र |
29 | पेंच | महाराष्ट्र |
30 | सह्याद्री | महाराष्ट्र |
31 | नवेगाव-नागझिरा | महाराष्ट्र |
32 | बोर | महाराष्ट्र |
33 | दम्पा | मिज़ोरम |
34 | सिमलिपाल | ओडिशा |
35 | सतकोसिया | ओडिशा |
36 | रणथम्भौर | राजस्थान |
37 | सरिस्का | राजस्थान |
38 | मुकंदरा हिल | राजस्थान |
39 | कलाकड़ मुंडंथुरई | तमिलनाडु |
40 | अन्नामलाई | तमिलनाडु |
41 | मुदुमलै | तमिलनाडु |
42 | सत्यमंगलम | तमिलनाडु |
43 | कवल | तेलंगाना |
44 | अमराबाद | तेलंगाना |
45 | दुधवा | उत्तर प्रदेश |
46 | पीलीभीत | उत्तर प्रदेश |
47 | कॉर्बेट | उतराखंड |
48 | राजाजी | उतराखंड |
49 | सुंदरबन | पश्चिम बंगाल |
50 | बुक्सा | पश्चिम बंगाल |
कुछ रोचक तथ्य
- बंगाल टाइगर को अप्रैल 1973 में भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था। टाइगर से पहले, शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था।
- 2010 के बाद से, रॉयल बंगाल टाइगर को IUCN द्वारा लुप्तप्राय जानवर के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- सफेद बाघ एक अलग प्रजाति नहीं हैं। वे सफेद होते हैं क्योंकि कुछ बाघ उनकी त्वचा में कम वर्णक कोशिकाओं के साथ पैदा होते हैं, जिससे वे सफेद दिखते हैं।
- नर बंगाल के बाघों की औसत लंबाई 2.7 मीटर से 3.1 मीटर तक होती है, जबकि मादा औसतन 2.4 मीटर से 2.65 मीटर तक की होती हैं।.
- नर का वजन 180 से 258 किलोग्राम तक होता है, जबकि मादा का वजन 100 से 160 किलोग्राम तक होता है।
- एक नवजात शावक अपने जन्म के पहले सप्ताह में अंधा रहता है।
- एक वयस्क बाघ छह मीटर से अधिक की लंबी और पांच मीटर तक ऊँची छलांग लगा सकता है।
- बाघ के पंजे का एक झटका भालू की खोपड़ी को तोड़ने के लिए काफी होता है और यह उसकी रीढ़ को भी तोड़ सकता है! आप अब आसानी से मनुष्यों की स्थिति की कल्पना कर सकते हैं।
- बाघों के शरीर पर 100 से अधिक धारियां होती हैं। दिलचस्प बात यह है कि, किसी भी दो बाघों पर एक जैसा धारीदार पैटर्न नहीं होता है।
अधिकांशतः पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. वर्तमान में देश में कुल कितने बाघ हैं?
2019 तक, विश्व वन्यजीव कोष और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की बदौलत भारत में 2967 बाघ हैं।
Q. टाइगर से पहले भारत का राष्ट्रीय पशु कौन सा था?
टाइगर से पहले, शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था।
Q. बाघों को बचाने की क्या जरूरत है?
बाघ पारिस्थितिक खाद्य पिरामिड में टर्मिनल उपभोक्ता हैं और उनके संरक्षण के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक तंत्र में सभी ट्राफिक स्तरों का संरक्षण होता है।
Q. प्रोजेक्ट टाइगर कब शुरू किया गया था?
भारत में बाघों की घटती जनसंख्या के कारण वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था, भारत सरकार ने रॉयल बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया था।