MSME Full Form – MSME New Definition, MSME Loan Eligibility, MSME Types
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है और आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस पैकेज की विस्तार से जानकारी दी, इस पैकेज के माध्यम से MSME सेक्टर के लिए भी बड़े ऐलान किये गए हैं, कोरोना संकट से सबसे अधिक प्रभावित हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यह सेक्टर करीब 12 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. इस लिए इसे रहत पहुंचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का लोन इस सेक्टर को दिए जाने की घोषणा की गई है. इस लोन की समयसीमा 4 साल है, जबकि 12 महीने तक इसमें मूलधन भी चुकाने की जरुरत नहीं है. इस आर्थिक पैकेज से लगभग 45 लाख MSME उद्योगों को लाभ मिलेगा. तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि क्या हैं MSME?
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Full form of MSME – Micro, Small and Medium Enterprises (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
MSME एक तरह की स्कीम है, जिसकी शुरुआत छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने लिए की गई थी. इसके तहत सरकार छोटे उद्योगों को अनेक प्रकार से फ़ायदे पहुँचाने का प्रयास करती है. इस स्कीम के अंतर्गत छोटे उद्योगों को 3 भागों में बांटा गया है – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग. MSME रजिस्ट्रेशन के माध्यम से छोटी कंपनियां सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं. लघु उद्योग से सम्बंधित कई सरकारी स्कीम्स ऐसी हैं, जिनका लाभ आप बिना MSME का रजिस्ट्रेशन के नहीं ले सकते हैं.
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MSME Category – एमएसएमई के प्रकार
समान विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण सेक्टर है. MSME के अंतर्गत कंपनियों को तीन Category में बांटा गया है. Micro, Small और Medium, जिनके लिए अलग अलग परिभाषा है. इन परिभाषाओं में कुछ बदलाव किये गए हैं. MSME की नई परिभाषा इस प्रकार है –
वर्गीकरण | निवेश | टर्नओवर |
सूक्ष्म उद्योग | 1 करोड़ से कम | 5 करोड़ से कम |
लघु उद्योग | 10 करोड़ से कम | 50 करोड़ से कम |
माध्यम उद्योग | 20 करोड़ से कम | 100 करोड़ से कम |
सूक्ष्म उद्योग की परिभाषा (Definition of Micro Industries)
इसके अंतर्गत वो कंपनी आती हैं, जिनका निवेश 1 करोड़ से कम हैं और टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक नहीं है.
लघु उद्योग की परिभाषा (Definition of Small Industries)
इसके अंतर्गत वो कंपनी आती हैं जिनका निवेश 10 करोड़ से कम और टर्नओवर 50 करोड़ से कम है.
मध्यम उद्योग की परिभाषा (Definition of Medium Industries)
इसके अंतर्गत वो कंपनी आती हैं जिनका निवेश 20 करोड़ से कम और टर्नओवर 100 करोड़ से कम है.
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Who can appply for MSME – MSME रजिस्ट्रेशन कौन करा सकता है?
MSME के तहत निम्न संस्थाए रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं –
- प्रोप्राइटरशिप फर्म
- सरकारी और प्राइवेट कंपनियां
- एलएलपी
- हिन्दू अविभाजित परिवार
- पार्टनरशिप फर्म
- वन पर्सन कंपनी
- को-ऑपरेटिव सोसाइटीज
- एसोसिएशन ऑफ पर्सन
सरकार के दिशा-निर्देश में कार्य करने वाली सभी कंपनियां इसमें रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं,
Types of MSME
MSME 2018-19 (जो कि नवीनतम उपलब्ध है) मंत्रालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 31% MSME विनिर्माण गतिविधियों में लगे हुए पाए गए, जबकि 36% व्यापार में और 33% अन्य सेवाओं में थे. MSMEs की अनुमानित संख्या 633.88 में से, 324.88 लाख MSMEs (51.25%) ग्रामीण क्षेत्र में और 309 लाख MSMEs (48.75%) शहरी क्षेत्रों में थे:
MSME registration के लिए Important document
MSME रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन करने में कोई शुल्क नहीं लगता है. MSME में रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़ की जरुरत होती है.
- उद्योग को शुरू करने का लीगल सर्टिफिकेट
- व्यावसाय का पता प्रमाण पत्र
- बिक्री बिल और खरीद बिल की प्रतियां
- औद्योगिक लाइसेन्स की कॉपी
- मशीनों की खरीद का बिल
MSME के लिए कैसे करें रजिस्टर – MSME Registration
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन करने के लिए ऑफिसियल वेबसाईट में जाएँ. जहाँ आप ऑनलाइन बिजनेस के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस रजिस्ट्रेशन में आपको निम्नलिखित चीजें दर्ज करनी पड़ेंगी.
- आवेदन करने वाले का नाम, लिंग, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- पैन नंबर
- आधार नंबर
- उद्योग का नाम, पता और पैन नंबर
- उद्योग में काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या, नाम और कब से काम कर रहे हैं उसकी तिथि
- बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड
- उद्योग का प्रमुख कार्य
- 2 अंकों का NIC कोड
- मशीन खरीद का ब्योरा
पूरा फॉर्म भरने के बाद आपको मांगे गए सभी डाक्यूमेंट्स अटेच करने होंगे, जिनका जिक्र हमने ऊपर किया है. इसके बाद कुछ दिनों में आपका वेरिफिकेशन होगा. वेरिफिकेशन के बाद आपको एप्लिकेशन नंबर के जरिये MSME प्रमाणपत्र मिल जाएगा, जिसे आप बसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं.
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Benefits of MSME – एमएसएमई में रजिस्टर करने के फ़ायद
बैंको से लाभ मिलता है : MSME में रजिस्टर्ड बिजनेस को बैंक से लाभ मिलता है, जैसे कम ब्याज दर पर भी लोन उपलब्ध कराया जाता है. MSME में रजिस्टर्ड कंपनी के लिए ब्याज की दर सामान्य व्यापार की ब्याज दर की तुलना में 1-1.5 प्रतिशत कम होती है.
राज्य सरकार छूट प्रदान करती है : राज्य सरकार ऐसी कंपनियों को औद्योगिक, बिजली और कर सब्सिडी भी उपलब्ध कराते हैं. इसके अंतर्गत आने वाली कंपनियों को विशेष रूप से बिक्री कर में छूट दी जाती है.
कर लाभ : रजिस्टर्ड कंपनी एक्साईज छूट योजना का लाभ ले सकते है, इसके साथ शुरूआती कुछ वर्षों में प्रत्यक्ष करों से भी छूट मिलती है. सरकार व्यवसाय को स्थापित करने में मदद करती है और कई तरह की सब्सिडी भी प्रदान करती है. जिससे ये कंपनियां अधिक से अधिक लाभ कमायें और खुद को स्थापित कर सकें.
केंद्र और राज्य की सरकार से Approval : MSME में रजिस्टर्ड कंपनियों को सरकारी लाईसेंस और प्रमाणीकरण जल्द और आसानी से मिल जाते है. सरकार ने छोटे उद्योगों में मदद के लिए कई तरह की सरकारी निविदाएं या टेंडर भी खोले हैं, जो लघु व्यवसाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ही खुली हैं.