प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में बुधवार को सरकार द्वारा भर्ती के बाद के सुधार लाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को मिशन कर्मयोगी नाम दिया गया है। मिशन कर्मयोगी एक अनूठा कार्यक्रम है जो देश में सिविल सेवकों की नींव रखने में मदद करेगा। यह व्यक्तिगत (सिविल सेवकों) और संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित होगा। इसमें टॉप पर, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों से मिलकर बनी प्रधानमंत्री HR परिषद होगी।
मिशन कर्मयोगी क्या है?
मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों के कैपसिटी निर्माण की नींव रखेगा ताकि वे भारतीय संस्कृति में जुड़े रहने के साथ, दुनिया भर में सर्वोत्तम संस्कृतियों से सीखते रहें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक कल्पनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, नवीन, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाना है।
Pranab Mukherjee (1935 – 2020): Birth, Education and Political Career
मिशन कर्मयोगी के स्तंभ:
एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और अभिनव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, नवोन्मेषी और रचनात्मक होना चाहिए। इस बात को बढ़ावा देने के लिए कि कैबिनेट ने मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभों पर प्रकाश डाला है जो इसके नींव को मजबूत करने में मदद करेंगे और भविष्य में बेहतर सिविल सेवक तैयार करने में सहायक होंगे। मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभ निम्नलिखित हैं।
Prime Minister Salary In India
- पॉलिसी फ्रेमवर्क: इसका उद्देश्य ऑनलाइन लर्निंग के साथ भौतिक क्षमता निर्माण दृष्टिकोण को पूरा करना है। यह आधुनिक तकनीकी उपकरण जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स आदि को अपनाने के योग्य बनाएगा।
- संस्थागत ढांचा: NPCSCB की संस्थागत संरचना जवाबदेही और पारदर्शिता पर आधारित है।
- सामर्थ्य संरचना(Competency Framework): यह प्रत्येक मंत्रालय द्वारा सभी पदों के लिए परिभाषित की जाने वाली भूमिकाओं, गतिविधियों और योग्यता का ढांचा है। कार्य आवंटन, कार्य असाइनमेंट को अंततः iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म पर किया जाएगा।
- डिजिटल लर्निंग फ्रेमवर्क iGOT- कर्मयोगी: यह लगभग 2.5 करोड़ सिविल सेवकों को सीखने के लिए कहीं भी कभी भी उपलब्ध रहेगा। यह मजबूत ई-लर्निंग सामग्री द्वारा समर्थित होगा।
- विद्युत मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली: यह सभी सिविल सेवकों के लिए संघर्ष रहित क्षमता निर्माण प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
- निगरानी और मूल्यांकन ढांचा(Monitoring and Evaluation Framework): इसे प्रत्येक व्यक्ति पर नज़र रखने और मूल्यांकन करने के साथ व्यक्ति के कौशल के विकास की निगरानी करने के लिए रखा गया है।
President Salary In India: Salary and Allowances
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली के अनुसार, ,मिशन कर्मयोगी भविष्य में तैयार होने वाली सिविल सेवक के निर्माण में सहायक होगा। यह सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए उन्हें डोमेन से जोड़ने, कार्यात्मक और व्यवहारिक दक्षताओं से लैस करने के लिए लिए खुला रहेगा।