पहला मेड-इन-इंडिया COVID-19 टेस्ट किट:जिस प्रकार भारत में महामारी के कारण मामले 500 तक बढ़ गए हैं, ऐसे में तत्काल पॉजिटिव मामलों की पहचान करने के लिए जाँच प्रक्रिया में तेजी लाने की शीघ्र आवश्यकता है। परीक्षण की प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करने के लिए, सरकार ने Mylab द्वारा बनाई गई कोविड -19 टेस्टिंग किट को व्यावसायिक रूप से मंजूरी दे दी है। यह किट अधिक पॉजिटिव मामलों की पहचान करके इस घातक बीमारी को फैलने से रोकने और इससे निपटने के लिए तंत्र को तेजी से ट्रैक करने में सफलता प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।
Mylab Discovery Solutions एक पुणे स्थित प्रयोगशाला है, जिसने वर्तमान प्रोटोकॉल के 7 घंटों की तुलना में 2.5 घंटे के भीतर संक्रमण का पता लगाने की क्षमता वाला भारत का पहला स्वदेशी नॉवेल कोरोनावायरस टेस्टिंग किट विकसित किया है। केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) से व्यावसायिक स्वीकृति प्राप्त करने वाली पहली “मेड इन इंडिया” टेस्टिंग किट है; और इसे Mylab PathoDetect COVID-19 Qualitative PCR kit नाम दिया गया है। PathoDetect एक बार में 100 नमूनों तक की जाँच कर सकता है, और एक सप्ताह में 1 लाख जाँच कर सकता है। WHO/CDC द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड -19 टेस्टिंग किट स्थानीय सरकारऔर केंद्र सरकार के सहयोग से बनाई गई थी, और इसकी लागत, वर्तमान लागत की लगभग एक-चौथाई होगी।
अब तक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने टेस्टिंग किट के लिए नौ में से दो निर्माताओं को अपना नोड दिया है, जिनका उपयोग निजी प्रयोगशालाओं में किया जाता है, जिसका नाम Altona Diagnostics और MY LAB हैं। सरकारी प्रयोगशालाओं के अलावा, भारत भर में 15,000 प्रयोगशालाओं के साथ 12 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड -19 टेस्ट करने की स्वीकृति दी गई है। सैंपल के टेस्ट के लिए अधिकतम फी 4500 रुपये रखी गई है।
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