Covifor, Cipremi और Fabiflu: DCGI द्वारा मंजूरी प्राप्त कोविड-19 की दवाएं
भारत में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और कुल मामले 4 लाख से अधिक हो गये हैं। देश में स्थिति यह है कि हर दिन, सबसे अधिक मामलों पाए जा रहे है। कुल मिलाकर 13,000 से अधिक मौतें हो गई हैं। लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील के कारण, कई लोगों के प्रभावित होने का खतरा है। साथ ही, जल्द ही किसी भी वैक्सीन को बनाए जाने का कोई संकेत नहीं है।
ऐसे संकट में, दवा कंपनियों ने कोविड-19 उपचार के लिए बनाई जा रही दवाओं के साथ राहत की सांस ली है। तीन कंपनी Cipla, Glenmark और Hetero, को कोरोनावायरस से प्रभावित रोगियों के इलाज के लिए उपयोगी Remdesivir और Favipiravir के जेनेरिक संस्करण लॉन्च करने की अनुमति दी गई है। तीनों दवाइयों में Hetero द्वारा Covifor, Cipla द्वारा Cipremi और Glenmark द्वारा Fabiflu शामिल हैं। आइए उन तीन दवाओं पर एक नज़र डालें, जिनके कारण हमारे देश की स्थिति में सुधार करने का मौका मिल सकता है।
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Glenmark की Fabiflu दवा:
मुंबई स्थित ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स फेविपिरविर के जेनेरिक संस्करण फैबिफ्लू का निर्माण करेगा, जो एक एंटी-वायरल दवा है जिसे इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए जापान में मंजूरी दी गई है। इसे डीसीजीआई से मंजूरी मिल गई है। यह पहली दवा है जिसे मुह के माध्यम से लिया जा सकता है। यह एक खाने वाली दवा है, जो हल्के से लेकर मध्यम स्तर के कोविड-19 का इलाज करेगी। इस दवा को लेने से पहले हर रोगी के पास किसी डॉक्टर की पर्ची होनी चाहिए। यह 18 क्लिनिकल ट्रायल में टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें से 2 अध्ययनों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अधिकारियों ने दावा किया है कि दवा 88 प्रतिशत तक सुधार को दिखाती है। यह 103 रुपये/टैबलेट की दर से उपलब्ध होगा और इसकी कीमत 34 टैबलेट के लिए 3500 रुपये होगी। आगे दवा की कीमत में 20-30 प्रतिशत की कमी की जा सकती है।
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Hetero की Covifor दवा:
नई दवा, जिसका नाम कोविफोर(Covifor) है, ग्लेनमार्क द्वारा फैबिफ्लू के बाद कोरोनोवायरस के उपचार के लिए हेटेरो द्वारा भारतीय बाजार में आने वाली दूसरी दवा है, जो एक दिन पहले आई थी। इसने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) से इलाज के तौर पर एंटीवायरल रेमेडिसविर शुरू करने की अनुमति प्राप्त कर ली है। दवा को नश में इंजेक्ट किया जाता है और इसकी एक खुराक 5,000 से 6,000 के बीच होगी। पांच दिन के उपचार के कोर्स में हेटेरो द्वारा संक्रमित सभी मरीज से 30,000 रुपये से अधिक नहीं लिया जाएगा। दवा को एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर की देखरेख में और केवल डॉक्टर के पर्चे के द्वारा दिया जाना है। हेटेरो, भारत की प्रमुख जेनेरिक दवा कंपनियों में से एक है और एंटी-रेट्रोवायरल ड्रग्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक भी है।
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Cipla की Cipremi दवा:
Cipla द्वारा लंच की गई Cipremi भी रेमेड्सविर का एक जेनरिक वर्जन और एक एंटीवायरल दवा है, जिसे पहली बार 2014 में इबोला के उपचार के लिए विकसित किया गया था। इस दवा को डॉक्टर की देखरेख में अंतःशिरा में भी इंजेक्ट किया जाता है और लेने से पहले रोगी से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाना होता है। Cipla अभी कीमत का खुलासा नहीं किया है लेकिन कोविड-19 रोगियों के उपचार में यह दवा भी प्रभावी हो सकती है।
ऊपर दिए गए दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल अभी भी प्रक्रिया में हैं और कोविड-19 उपचार में इन दवाओं की प्रभावशीलता, अंतिम रिजल्ट के बाद निर्धारित की जा सकती है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे उपचार के लिए किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टरों की सलाह लें।